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बाल ठाकरे के वर्चस्व की विदाई का शोकगीत

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                             आखिरकार शाहरूख की फिल्म ' माई नेम इज़ खान ' रिलीज हो ही गई। देश के अन्य हिस्सों की तरह मुंबई में भी यह हाउसफुल गई। हर तरफ फिल्म का स्वागत किया गया। बर्लिन फिल्म फेस्टिवल में भी यह फिल्म क़ामयाब रही। अमेरिका , पाकिस्तान और अन्य देशों में भी यह स्थिति है। लेकिन इस फिल्म के रिलीज के पहले और रिलीज के दौरान भी कई तरह की राजनीति चल रही थी। हिन्दुत्ववादी मुद्दा फिल्म उद्योग में और ज्यादा नहीं चल सकता शिवसेना को भी यह समझ लेना चाहिए।  फिल्म की सफलता को देखकर यही कहा जा सकता है कि जनता सबसे बड़ी है। जनता से ऊपर कुछ नहीं है। जनता ने अपना फैसला कर लिया। जनता का हीरो बाल ठाकरे नहीं शाहरूख खान हैं , यह जनता ने साबित कर दिया। भेदवादी दृष्टि को एक सिरे से नकार कर साबित कर दिया कि वह परिपक्व है और अपने फैसले लेना जानती है। बस मौका और समय का इंतजार करती है। बॉलीवुड ने भी इस मुद्वे पर अपनी एकजुटता दिखाई। बॉलीवुड की नामी हस्तियां   फिल्म देखने गईं। कइयों को लौटना पड़ा क्योंकि फिल्म हाउसफुल थी। कबीर बेदी जैसे अनेक कलाकार टिकट न मिलने के कारण लौटने पर मज़बूर हुए।  

शाहरूख एक्टिविस्ट नहीं हैं राजदीप सरदेसाई

          हिन्दी फिल्मों के बादशाह शाहरूख खान की नई फिल्म ' माई नेम इज़ खान ' 12 फरवरी को प्रदर्शित होने जा रही है। शाहरूख का कसूर है कि उन्होंने अपने पड़ोसी देश के साथ सौहार्द्रपूर्ण संबंध की बात कही है। उन पर आरोप है कि वे पाकिस्तान समर्थक हैं। देशद्रोही हैं। तथाकथित राष्ट्रवादी और अन्य हिन्दुत्ववादी संगठन उन से माफी मांगने को कह रहे हैं। शाहरूख खान का कहना है कि उन्होंने कोई ग़लती नहीं की, फिर माफी किस बात की। वे भारतीयता के बारे में पैसोनेट हैं। वे कहते हैं कि मेरी देशभक्ति पर सवाल उठे तो क्या इसे मुझे समझाना पड़ेगा। मैं बंबई में रहता हूँ। मुम्बईकर हूँ। 20 साल से रह रहा हूँ। यह एक आजाद मुल्क है और प्रत्येक भारतीय को हक़ है जब तक वह अपने टैक्स देता है और कोई आपराधिक कर्म नहीं करता तब तक वह निर्बाध रूप से अपना काम कर सके। मैंने मुम्बई से सब कुछ कमाया है। मेरा मुम्बई पर जितना हक़ है उससे ज्यादा मुम्बई का मुझ पर हक़ है। यह मेरी अस्मिता का प्रश्न है कि मैं पहले भारतीय हू ¡ बाद में मुम्बईकर। हिन्दी सिनेमा व्यावसायिक सिनेमा है। हमको सबसे बड़ा डर है कि हमारे काम के बाद लोग हंस कर