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कौन सी चीज इतिहास बनाती है और किस पर शर्म करें!

 भारतीय मीडिया खासकर हिन्दी मीडिया में शर्म, अपमान, पराजय, हार, असफलता और रोष की भाषा कब बोली जाती है कभी सोचा है आपने ? केवल खेल की खबरों की रिपोर्टिंग करते समय। जनता के मुद्दे पर नहीं। सरकार की नीतियों की आलोचना करते समय नहीं। विपक्ष की भूमिका और दायित्वों की बात करते समय नहीं। या किसी बड़े सार्वजनिक नुकसान पर नहीं। वहां एक गहरी तटस्थता दिखाई जाती है। मैं आपको आज (11जुलाई2011)प्रसारित होनेवाले टी वी ख़बरों से एक उदाहरण दूं। ये ख़बरें एक ही चैनल की हैं, दो अलग चैनलों की नहीं। ताकि चैनल की नीति, समाचार चयन और भाषा की एक मामूली झलक आपको मिल सके। कल की दो बड़ी ख़बरों में से एक खेल जगत की थी और एक कालका मेल के दुर्घटनाग्रस्त होने की। स्टार न्यूज पर वेस्टइंडीज और भारत के बीच चल रहे टेस्ट मैच सीरिज पर ख़बर थी। ख़बर का सार था कि धोनी की विश्व रैंकिंग में नम्बर वन टीम ने ये सीरिज जीत ली है और कल का टेस्ट ड्रा रहा है। प्रस्तुति की भाषा थी कि धोनी की नम्बर वन टीम ने सातवें रैंक की वेस्टइंडीज की टीम से मैच ड्रा कर लिया। इसकी प्रस्तुति इस प्रकार थी कि भारत में उन लाखों दर्शकों को कितनी शर्म आई