मुहब्बतवाली शादी
(सानिया मिर्जा)
सानिया मिर्जा शोएब मलिक से शादी करेंगी। यह खबर है पर इसने एक साथ ही कई मसलों को जन्म दे दिया है। पड़ोसी देश के साथ अंतर्राष्ट्रीय संबंध के मुद्दे के साथ-साथ सानिया और शोएब के पिछली जिंदगी को खंगालने का काम शुरू हो चुका है। सानिया को सलाह और निर्देश देनेवालों की भरमार हो रही है। राजनीतिक क्षेत्र से सबसे ज्यादा बयानबाजी हुई। समाजवादी पार्टी के नेता अबु आजमी के बयान से तो लगता नहीं कि वे किसी सभ्य नागरिक समाज का हिस्सा हैं। यह काम शिवसेना किया करती है, मसले को राष्ट्रीय रंग देकर कर भी रही है। पर समाजवादी पार्टी जैसे बढ़त लेने को तैयार बैठी है। अबु आजमी का कहना है कि- जहाँ शादी पहले लगी थी वहीं शादी करनी चाहिए। माँ बाप के कहने से शादी करनी चाहिए लेकिन ये मुहब्बत करनेवाले लोग हैं। पर मुझे यह पसंद नहीं कि सानिया पाकिस्तानी से शादी करें और दुबई में रहें तथा भारत के लिए खेलें। ध्यान रखें कि उनकी पार्टी के सुप्रीमो माननीय मुलायम सिंह ने महिला आरक्षण के अंदर आरक्षण की मांग की है। इस आधार पर वे महिला आरक्षण बिल का विरोध कर रहें हैं लेकिन विरोध करते हुए निहायत ही गैरजिम्मेदाराना बयान दिया था कि आरक्षित सीटों पर चुनी गई महिला उम्मीदवारों को देखकर लोग सीटी बजाएंगे।
सानिया मिर्जा शोएब मलिक से शादी करेंगी। यह खबर है पर इसने एक साथ ही कई मसलों को जन्म दे दिया है। पड़ोसी देश के साथ अंतर्राष्ट्रीय संबंध के मुद्दे के साथ-साथ सानिया और शोएब के पिछली जिंदगी को खंगालने का काम शुरू हो चुका है। सानिया को सलाह और निर्देश देनेवालों की भरमार हो रही है। राजनीतिक क्षेत्र से सबसे ज्यादा बयानबाजी हुई। समाजवादी पार्टी के नेता अबु आजमी के बयान से तो लगता नहीं कि वे किसी सभ्य नागरिक समाज का हिस्सा हैं। यह काम शिवसेना किया करती है, मसले को राष्ट्रीय रंग देकर कर भी रही है। पर समाजवादी पार्टी जैसे बढ़त लेने को तैयार बैठी है। अबु आजमी का कहना है कि- जहाँ शादी पहले लगी थी वहीं शादी करनी चाहिए। माँ बाप के कहने से शादी करनी चाहिए लेकिन ये मुहब्बत करनेवाले लोग हैं। पर मुझे यह पसंद नहीं कि सानिया पाकिस्तानी से शादी करें और दुबई में रहें तथा भारत के लिए खेलें। ध्यान रखें कि उनकी पार्टी के सुप्रीमो माननीय मुलायम सिंह ने महिला आरक्षण के अंदर आरक्षण की मांग की है। इस आधार पर वे महिला आरक्षण बिल का विरोध कर रहें हैं लेकिन विरोध करते हुए निहायत ही गैरजिम्मेदाराना बयान दिया था कि आरक्षित सीटों पर चुनी गई महिला उम्मीदवारों को देखकर लोग सीटी बजाएंगे।
शिवसेना के कार्यकर्त्ता भी मैदान में आ गए हैं। शिवसेना का बयान है कि अगर सानिया मिर्जा़ शोएब मलिक से शादी करती हैं तो सानिया के साथ-साथ पूरे देश को ख़तरा है।
इसमें एक पक्ष पाकिस्तान टेनिस फेडरेशन के दिलावर अब्बास का भी है जो कहते हैं कि सानिया को पाकिस्तान की तरफ से खेलना चाहिए और पाकिस्तानी लड़कियों की प्रेरणा स्रोत बनना चाहिए। उसमें मुख्य जोर इस पर है कि सानिया को अपने पति का अनुसरण करना चाहिए।
उल्लेखनीय है कि कल यानि 31 मार्च के पहले तक क़यास और अटकलें लगाई जाती रहीं। अपुष्ट ख़बरों के कैप्शन चलते रहे कि क्या सानिया शोएब से शादी करेंगी? कल जब सानिया ने पुष्टि की कि वे शोएब से शादी करने जा रही हैं। उन्होंने अपने परिवारीजनों के साथ मीडिया के सामने आकर कहा कि वे शोएब से शादी के निर्णय पर बहुत खुश हैं, उनके परिवार के लोग भी खुश हैं और वे चाहती हैं कि मीडियावाले भी इस खुशी में शामिल हों। वे इस समय सिर्फ शादी की तैयारियों के बारे में सोच रही हैं। तमाम उलझन भरे सवालों के जवाब में सानिया ने कहा कि वे भारत के लिए खेलेंगी और शोएब ,इंशाअल्लाह पाकिस्तान के लिए और वे शादी के बाद दुबई रहेंगी। इसके साथ ही मीडिया ने उनके पूर्व मंगेतर सोहराब जो विदेश में एम बी ए की पढ़ाई कर रहा है के परिवारवालों को खोज निकाला। सोहराब के पिता का बयान था कि वे सानिया को आर्शीवाद देंगे और बुलाने पर शादी में भी शामिल होंगे।
मीडिया कवरेज के दौरान और पाकिस्तान फेडरेशन के अध्यक्ष के बयान के जवाब में दिए गए बयान में कि सानिया भारत के लिए खेलेगी, सानिया के पिता- माता सानिया की पसंद के साथ दिखाई दिए। फिर पता नहीं अबु आजमी और शिवसेना को कैसे यह इलहाम हो गया कि सानिया का यह निर्णय माता-पिता , घर -परिवार और देश के खिलाफ है। मुहब्बत करनेवाले क्या अपराधी होते हैं ?
सबसे महत्वपूर्ण बात कि सारी सलाह सानिया को क्यों ? क्या इसमें सानिया का लड़की होना और आधुनिक बिंदास फैशनेबल छवि, इससे पहले भी संबंधों का टूटना आदि कहीं उसके खिलाफ तो नहीं जा रहा? यह जानना चाहिए कि टेनिस और फैशन की दुनिया का संबंध नया नहीं है। विलियम्स बहनें और अन्य महिला खिलाड़िनें इसका हिस्सा रही हैं। सानिया की छवि के साथ ग्लैमर की दुनिया का गहरा संबंध है। वे मीडिया आईकॉन हैं। लेकिन इन सबसे क्या अपनी निजी जिन्दगी के फैसले लेने का उनका हक़ छिन जाता है। भारतीय मीडिया क्या पप्पाराजी की तरफ बढ़ रहा है ? और यदि ऐसा है तो शोएब के लिए वह इस सलाह को किसी नेता के मुँह से क्यों नहीं निकलवा लेता कि शोएब शादी के बाद हिन्दुस्तान के लिए खेलेंगे ?
दरअसल शादी एक पूरा पैकेज है। वह चाहे 'मुहब्बत' वाली हो या 'बिना मुहब्बतवाली'। इसके अंदर के संबंधों और दुनिया को व्यक्तिगत तरीके से परिभाषित करने की कोशिश हो रही है पर आम राय और उम्मीदें शादी के पैकेज के अनुकूल ही हैं। इसी कारण सानिया से बहू होने के फर्ज को पूरा करने की उम्मीद है। शादी के अंदर मौजूद यौनशुचिता की धारणा के तहत ही सानिया के पुराने संबंधों को खोज-खोजकर बताया जा रहा है। जबकि शोएब द्वारा पहली पत्नी से तलाक़ लिए बिना सानिया से शादी की ख़बर मीडिया में आने के बावजूद हमें नहीं चौंकाती। शोएब की पहली पत्नी से तलाक़ न होने की स्थिति में सबसे ज्यादा प्रभावित सानिया, शोएब और उनकी पहली पत्नी(यदि हैं तो) होंगी। तो क्या ये लोग इससे अनजान हैं? यदि नहीं तो मीडिया और अन्य लोगों को कोई भी हक़ नहीं है कि वे राष्ट्रीयता के नाम पर, देश की बेटी या बहू के नाम पर, सेलिब्रिटी के नाम पर किसी के व्यक्तिगत जीवन में टांग अड़ाएं। यदि विवाह एक क़ानूनी प्रक्रिया है तो विवाह से मुक्त होना भी एक क़ानूनी प्रक्रिया है और क़ानून के दरवाजे सबके लिए खुले हैं। हर व्यक्ति को अपनी निजी जिन्दगी अपने ढंग से जीने का अधिकार है।
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kunwar ji,
kamlesh solanki dhar