भारत के बाल रंगमंच की महान रंगकर्मी रेखा जैन नहीं रहीं
(प्रसिद्ध रंगकर्मी स्व.रेखा जैनः 18सितम्बर 1923-22 अप्रैल 2010)
रेखाजी का जन्म रुढ़िवादी वातावरण में हुआ था। इस रुढ़िवादी वातावरण से निकलकर उन्होंने जगह-जगह नाटक किए और स्वाधीनता संग्राम और प्रगतिशील आंदोलन में हिस्सा लिया। उनका भारत के बाल रंगमंच के साथ 50 साल से गहरा संबंध था। उन्होंने शंभुमित्र,हबीब तनवीर,वी.वी.कारंत आदि के साथ काम किया था। सन् 1979 में उन्होंने ‘उमंग’ नामक संस्था की स्थापना की। यह संस्था बच्चों के रंगकर्म प्रशिक्षण की आदर्श पाठशाला रही है। इस संस्था में अमीरों ,गरीबों और झोंपड़पट्टियों के बच्चे एक साथ नाटक तैयार करते और खेलते थे। यह संस्था प्रतिवर्ष 2-3 नाटकों का रेखा जैन के निर्देशन में मंचन करती रही है।
रेखा जैन के द्वारा निर्देशित चर्चित नाटक हैं- खिलौनों का संसार,दिवाली के पटाखे, अनोखे वरदान, कौन बड़ा कौन छोटा,रेल ले चली हमें चूं-चूं, चंड़लिका, बाल्मीकि प्रतिभा,ताश के पत्ते आदि। इसके अलावा उन्हें हिंदी अकादमी, साहित्य कला परिषद,उ.प्र.संगीत नाटक अकादमी,संगीत नाटक अकादमी ,राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय आदि के द्वारा पुरस्कृत किया गया था। उनके नाटकों का दिल्ली,कोलकाता, मुंबई, इलाहाबाद,शुजालपुर आदि में मंचन हुआ है।
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श्रद्धांजलि
APNI MAATI
MANIKNAAMAA
उन्हें श्रद्धांजलि.